आज दिनांक 3.4.2016 को दैनिक नईदुनिया में माननीय सांसद एवं लोकसभा
स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन की टिप्पणी पढ़ी जो उन्होने प्राइवेट
स्कूलों में बढ़ती फीस के विरोध में उनसे मिलने गये पालकों से कहाः-
"फीस नही दे सकते तो सरकारी स्कूलों में पढ़ाओ " देश की सर्वोच्च् पद पर आसीन सुमित्रा जी महाजन का ये कहना उचित नही कहा जा सकता । देश ,प्रदेश व् शहर की जनता ने आपको अपना प्रतिनिधि चुन कर संसद तक इस उम्मीद से पहुचाया हे की आप जनता के हितो के प्रति न्याय करे । आदरणीय ताई पालको की समस्या समझ कर उचित समाधान की दिशा में पहल करने की बात कहती तो लोकतन्त्र और पद दोनों के साथ न्याय् होता ।
अर्चना जायसवाल
महामन्त्री - प्रदेश कांग्रेस
पूर्व अध्यक्ष -प्रदेश महिला कांग्रेस
"फीस नही दे सकते तो सरकारी स्कूलों में पढ़ाओ " देश की सर्वोच्च् पद पर आसीन सुमित्रा जी महाजन का ये कहना उचित नही कहा जा सकता । देश ,प्रदेश व् शहर की जनता ने आपको अपना प्रतिनिधि चुन कर संसद तक इस उम्मीद से पहुचाया हे की आप जनता के हितो के प्रति न्याय करे । आदरणीय ताई पालको की समस्या समझ कर उचित समाधान की दिशा में पहल करने की बात कहती तो लोकतन्त्र और पद दोनों के साथ न्याय् होता ।
अर्चना जायसवाल
महामन्त्री - प्रदेश कांग्रेस
पूर्व अध्यक्ष -प्रदेश महिला कांग्रेस
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